रैन बसेरे को खुद सहारे की जरुरत जर्जर भवन

नैनीताल: शहर में बेसहारा व निराश्रित लोगाें के सिर छिपाने को पालिका का रैन बसेरा तो है मगर देखरेख के अभाव में रैन बसेरे को खुद सहारे की जरुरत है। रैन बसेरा भवन प्लास्टर उखड़ने से जर्जर हो चुका है तो भीतर महिलाओं के सोने के लिए बैड व अलग से शौचालय की व्यवस्था तक नहीं है। ऐसे में निराश्रित लोग बदहाल भवन में ही रात गुजारने को मजबूर है। इन दिनों ठंड बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी रैन बसेरों की दशा सुधारने व निराश्रितों के लिए गर्म कंबल व अन्य व्यवस्थाए जुटाने के निर्देश दिए है। मगर सीएम व जिला प्रशासन के निर्देशों के बावजूद पालिका के रैन बसेरे की दशा में कोई सुधार नहीं आया। चारों ओर बजबजाती गंदगी व जर्जर भवन में निराश्रित लोगों को ठहराया जा रहा है। रैन बसेरे में पुरुषों के सोने के लिए तो सात बैड लगाए है, मगर महिलाओं को जमीन पर ही बिस्तर लगाकर रात गुजारनी पड़ती है।


नगर पालिका के ईओ दीपक गोस्वामी ने बताया कि रैन बसेरे में ठहरने वाले लोगों के लिए बिस्तर व अन्य इंतजाम पूरे है। रैन बसेरे के जीर्णोंद्धार का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। बजट की व्यवस्था होते ही जीर्णोद्धार कार्य शुरू कर दिये जायेंगे।

 

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