नैनीताल: प्रगतिशील भोजनमाता संगठन उत्तराखंड के बैनर तले भोजनमाताओं ने धरना प्रदर्शन कर स्कूलों का विलयीकरण रोकने व उनके मानदेय में बढ़ोतरी की मांग की है। संगठन की ओर से सात सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। बुधवार को संगठन ब्लाक अध्यक्ष तुलसी के नेतृत्व में तमाम भोजनमाताए मल्लीताल डीएसए मैदान में एकत्रित हुई। जहां उन्होंने धरना प्रदर्शन कर उनकी मांगों पर विचार नहीं होने पर जमकर विरोध जताया। संगठन ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज कहा कि सरकारी स्कूलों में मध्याहन भोजन बनाने के एवज में भोजनमाताओं को प्रतिमाह तीन हजार रुपये मानदेय दिया जा रहा है। जोकि वर्तमान महंगाई को देखते हुए बेहद कम है। भोजनमाताओं को न तो 12 महिने मानदेय मिलता है और न ही कोई अवकाश व भत्तों का लाभ। अब सरकार कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का अन्य स्कूलों में विलय कर रही है। जिससे भोजनमाताओं को काम से निकाल बेरोजगार किया जा रहा है। पूर्व में शिक्षा सचिव ने भोजनमाताओं का मानदेय बढ़ाकर पांच हजार करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था, जिस पर अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है। उन्होंने प्रतिमाह पांच हजार मानदेय करने, 12 माह का मानदेय देने, भोजनमाताओं को स्थाई करने, छात्रसंख्या कम होने पर स्कूलों का अन्य स्कूल में विलय न किया जाए, ईएसआई, पीएफ, पेंशन व प्रसूति अवकाश देने, कार्य से निकाली गई भोजनमाताओं को फिर नियुक्ति देने की मांग की है। प्रदर्शन करने वालों में हंसी, राधा, हेमा, पुष्पा, सरिता, लक्ष्मी, अनीता, सलोनी समेत अन्य शामिल थे।

भोजनमाताओं ने उठाई स्कूलों का विलय रोकने व मानदेय बढ़ोतरी की मांग- धरना प्रदर्शन कर सीएम को भेजा ज्ञापन
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